हिन्दी के साहित्यकार और उनकी रचनाएँ / Hindi Writer For UKSSSC Exams

हिन्दी के साहित्यकार और उनकी रचनाएँ

उत्तराखण्ड चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा कराये जाने वाली सभी समूह ग, घ परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हिन्दी के साहित्यकार और उनकी रचनाएँ हमारे द्वारा नीचे दिये पोस्ट में बताए गए हैं। हिंदी आधुनिक काल के साहित्यकार, प्रसिद्ध कवि एवं उनकी रचनाएँ सभी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं जो की हमारे द्वारा दिये गए हैं।

UKSSSC द्वारा Syllabus में दिए गए सभी कवि साहित्यकार निम्नलिखित हैं-


महादेवी वर्मा –

जन्म- 26 मार्च 1907, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु- 11 सितम्बर 1987, प्रयागराज

पुरस्कार –
1942-द्विवेदी पदक,
1943- भारत भारती पुरस्कार
1956- पदम भूषण,
1988- पदम विभूषण
1977- डी0लीट0-कुमाँंऊ वि0वि0 द्वारा,
1979- साहित्य अकादमी फेल्लोशिप
1982- ज्ञानपीठ पुरस्कार- यामा रचना के लिए (प्रथम महिला हिन्दी का पाने वाली)

रचना – 

कविता संग्रह- नीहार (1930), रश्मि(1932), नीरजा(1934), सांध्यगीत(1936), दीपशिखा(1942), यामा(1936), प्रथम आयाम, अग्निरेखा, सप्तपर्णा।
कविता- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
बाल कविता- ठाकुर जी भोले है, आज खरीदेंगे हम ज्वाला।
रेखाचित्र/संस्मरण- अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएँ, भक्तिन, पथ के साथी, मेरा परिवार, नीलकंठ, स्मारिका।
निबंध- श्रृंखला की कड़ियां(1942), आपदा, भारतीय संस्कृति के स्वर, विवेचनात्मक, संकल्पिता, साहित्यकार की आस्था।
ललित निबंध- चिंतन के क्षण, संधिनी, क्षणदा
कहानी- गिल्लू
गीत- जाग तुझको दूर जाना, सब आंखो के आँसू उजले।
संस्मरण- मेरे बचपन के दिन

मुख्य तथ्य-

  • छायावाद के 4 स्तंभों मे से एक है।
  • ‘चांद’ नामक महिला पत्रिका का संपादन किया है।
  • आधुनिक युग की मीरा के नाम से जाना जाता है।
  • कवि निराला ने इन्हे ‘हिन्दी के विशाल मंदिर की सरस्वती’ कहा है।
  • 1952 मे यह उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य मनोनित हुई।
  • नीहार इनका प्रथम काव्य संग्रह है।

मन्नू भण्डारी –

जन्म- 3 अप्रैल 1931, भानपुरा, मध्य प्रदेश

पुरस्कार-
2008- व्यास सम्मान- ‘एक कहानी यह भी’ के लिए।

रचना-

कहानी संग्रह- एक प्लेट सैलाब(1962), मै हार गई;(1957), तीन निगाहों की एक तस्वीर, यही सच है 1966, त्रिशंकु, आंखों देखा झूठ, नायक खलनायक विदूषक, रानी माँ का चबूतरा, गीत का चुंबन, अकेली, इंसा के घर इंसान, जती बाजी की हार, सयानी बुआ, पंडित गजानन शास्त्री, कील और कसम, चश्मे, क्षय, तीसरा आदमी, नकली हीरे, नशा, इनकम टैक्स और नींद, कमरे कमरा और कमरे, छत बनाने वाले, रेत की दीवार, अलगाव, तीसरा हिस्सा, आते जाते यायावर, खोटे सिक्के
उपन्यास- आपका बंटी;1971, महाभोज;1979द्ध, स्वामी, एक इंच मुस्कान;1962द्ध, कलवा
फिल्म पटकथाएं- रजनीगंधा/रजनी, निर्मला, स्वामी दर्पण।
नाटक- बिना दीवारों का घर, रजनी दर्पण।
आत्मकथा- एक कहानी यह भी, प्रौढ़ शिक्षा के लिए: सवा सेर गेहूं।

मुख्य तथ्य-

  • महाभोज- विषय-नौकरशाही और राजनीति में व्यापत भ्रष्टाचार- पात्र- दा साहब
  • रजनीगंधा के पात्र- लीला, अमित, रजनी- ‘यही सच है कहानी’ पर आधारित
  • एक इंच मुस्कान- विषय- आधुनिक लोगों की दुखांत प्रेमकथा।
  • प्रौढ शिक्षा के लिए’ रचना प्रेमचंद का रूपान्तरण है।
  • अकेली कहानी- पात्र- सोमा बुुआ

पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल –

जन्म- 23 दिसंबर 1901, पाली गांव, लैंसडाउन, पौढ़ी
मृत्यु- 24 जुलाई 1944

रचनाएं- रामानदं की हिंदी रचनाएं, गोरखवाणी, सूरदास जीवन सामग्री, मकरंद, कणेरीपाव, गंगाबाई, हिन्दी साहित्य मे उपासना का स्वरूप, कवि केशवदास, योग प्रवाह, प्राणायाम विज्ञान और कला, ध्यान से आत्मचिकित्सा, कबीर की साखी और सर्वागी, हरिदास की साखी, रैदास की साखी, हरिभक्त प्रकाश, सेवादमन, गद्य सौरभ, नेपाली साहित्य का इतिहास, मिस्टिसिज्म इन हिन्दी पोयट्री, मिस्टिसिज्म इन कबीर।

मुख्य तथ्य-

  • 1940-तिरूपती मे प्राच्य विद्या सम्मेलन की हिन्दी शाखा की अध्यक्षता की।
  • हिन्दी मे ‘डी0लिट0’ की उपाधि पाने वाले पहले शोध विधार्थी-1933 मे मिली- काशी वि0वि0- हिन्दी काव्य मे निर्गुणवाद के लिए(1931)।
  • बाल्यकाल में ‘अंबर’ नाम से कविताएं लिखने लगे थे।
  • ‘हिलमैन’ नामक अंग्रेजी मासिक पत्रिका का संपादन किया।
  • ‘कबीर ग्रंथावली’ व ‘राम चंद्रिका’ के सम्पादक रहे।
  • पुरुषार्थ का सम्पादन भी किया।
  • ‘मनोरंजनी’ नामक हस्तलिखित पत्रिका निकाली श्रीनगर से।
  • गोस्वामी तुलसीदास व रूपक रहस्य के सहलेखक रहे।
  • मकरंद का संकलन डाॅ भगीरथ मिश्र ने किया
  • योग प्रवाह का संकलन डाॅ0 सम्पूर्णानंद ने किया।
  • ‘किंग आर्थर एंड नाइटस आफ द राउंड टेबल’ का हिन्दी अनुवाद किया।

मंगलेश डबराल –

जन्म- 16 मई 1948, काफलपानी, टिहरी गढ़वाल
मृत्यु- 9 दिसंबर 2020, दिल्ली

पुरस्कार-
2000- साहित्य अकादमी- हम जो देखते है।

रचनाएं-
कविता संग्रह- पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते है, आवाज भी एक जगह है, मुझे दिखा एक मनुष्य, कवि ने कहा, अत्याचारियों की थकान, अत्याचारी के प्रमाण।
कविताएं- संगतकार, तानाशाह, पिता का चश्मा, पहाड़ से मैदान, समय नही है, गुलामी, अंतराल, केशव अनुरागी, पत्तो की मृत्यु, बच्चो के लिए एक चिट्ठी, घर शांत है, खोई हुई चीज, गुमशुदा, चांद की कविता, बारिश, मैं चाहता हूँ, हत्यारों का घोषणापत्र, सोते-जागते, सुबह की नींद, टार्च, मोबाइल ।
यात्रा वृतांत- एक बार आयोवा।
गद्य संग्रह- लेखक की रोटी, कवि का अकेलापन।
क्षणिकाएं- नए युग मे शत्रु, आदिवासी, परछाई, घटती हुई आॅक्सीजन, नुकीली चीजे, प्रतिकार, ठगे जाने मे संतोष।


गौरा पंत शिवानी’ –

जन्म- 17 अक्टूबर 1923, राजकोट, गुजरात
मृत्यु- 21 मार्च 2003, दिल्ली

पुरस्कार-
1982-पदम श्री, 1997- हिन्दी सेवा निधि राष्ट्रीय पुरस्कार

रचनाएं-
उपन्यास- कृष्णकली, कालिंदी, अतिथि, पूतों वाली, चल खुसरो घर अपने, श्मशान चंपा, मायापुरी, कैंजा, गेंदा, भैरवी, स्वंयसिद्धा, विषकन्या, रति विलाप, आकाश, 14 फेरे, करिये छिमा, चिरस्वंयवरा, दो सखियाँ, एक थी रामरति, कस्तूरी मृग, अपराजिता, अपराधिन, सुरंगमा।
कहानी संग्रह– झरोखा, मृण्माला की हँसी, रथ्या, लाल हवेली, पिटी हुई गोट।
संस्मरण- आमोदर शांति निकेतन, स्मृति कलश, वातायन, जालक, अरूंधती।
धारावाहिक- सुरंगमा, रति विलाप, मेरा बेटा, तीसरा बेटा।
यात्रा विवरण- चरैवैति, यात्रिक।
आत्मकथा- सुनहुँ तात यह अमर कहानी(अंमित रचना), सोने दे।

मुख्य तथ्य-

  • शिवानी की पहली रचना 12वर्ष की उम्र मे अल्मोड़ा से निकालने नटखट बाल पत्रिका मे छपी थी
  • रविन्द्रनाथ टैगोर शिवानी को गोरा कहकर पुकारते थे।
  • इनकी ‘मैं मुर्गा हूँ’ व ‘कृष्णकली’ रचना धर्मयुग में प्रकाशित हुई।

मीरा –

जन्म- 1498, कुड़की, जिला पाली, जोधपुर, राजस्थान
मृत्यु- 1546, द्वारका

उपनाम- आध्यात्मिक कवयित्री/आदि कवयित्री

पति- कुंवर भोजराज गुरू- रैदास

रचनाएं- नरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद, भोर और बरखा(कविता)

  • मीराबाई के गीतो का संकलन- ‘मीराबाई की पदावली’ के नाम से हुआ है।
  • कृष्ण जी को अपने पति और प्रेमी के रूप में पूजा है।

गोस्वामी तुलसीदास –

जन्म- 1532, बांदा जिला, राजापुर गांव
मृत्यु- 1623, वाराणसी/काशी

पत्नि- रत्नावली गुरू- नरहरिदास

उपनाम- कवि शिरोमणि, मानस का हंस, लोकनायक, हिन्दी का जातीय कवि।

रचनाएं- रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, कृष्ण गीतावली, वन के मार्ग में, जानकी मंगल, रामलला नहछू, वैराग्य संदीपनी, रामाज्ञा प्रश्न, सतसई, पार्वती मंगल, रामायण(बरवै, छंदावली, कुण्डलीय), राम श्लाका, झूलना, संकट मोचन, हनुमान चालीसा, कलिधर्माधर्म, निरूपण, लक्ष्मण, राम का विलाप, विनय पत्रिका(अंतिम रचना)

मुख्य तथ्य-

  • तुलसीदास को लोक मंगल की साधना और समन्वय का कवि भी कहा जाता है।
  • रामचरितमानस-1574 में प्रारंभ की- भाषा-बेसवाड़ी अवधी- मुख्य छंद-चैपाई
  • कवितावली- भाषा-ब्रजभाषा- छंद-सवैया और कवित्त
  • विनय पत्रिका- भाषा-ब्रजभाषा- गेय पदो में रचना हुई है।
  • वन के मार्ग में- छंद-सवैया
  • तुलसीदास को रूपक(अलंकार का) सम्राट कहा जाता है।

हिन्दी व्याकरण


रसखान –

जन्म- 1548, अमरोहा, उत्तर प्रदेश
मृत्यु- 1628, वृन्दावन

मूल नाम- सैय्यद इब्राहिम खान

रचना- प्रेम वाटिका, सुजान रसखान, दानलीला

मुख्य तथ्य-

  • ये मुस्लिम कृष्ण भक्त थे।
  • अकबर के समकालीन थे।

कबीर –

जन्म- 1398, लहरतारा, वाराणसी
मृत्यु- 1494/1518, मगहर, उ0 प्र0

गुरू- रामानंद कार्यक्षेत्र- कवि, भक्त, सूत कातकर कपड़ा बनाना, जुलाहा

रचनाएं- बीजक, रमैनी, सबद, साखी, अनुराग सागर

मुख्य तथ्य-

  • कबीर की भाषा सधुक्कड़ी है- रामचन्द्र शुक्ल ने कहा।
  • कबीर की भाषा पंचमेल खिचड़ी है- श्यामसुंदर दास ने कहा।
  • कबीर को वाणी का डिक्टेटर- हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कहा।
  • कबीर भक्ति काल और संत काव्य के कवि है
  • कबीर क्रांतदर्शी और निगुर्णवादी कवि थे।
  • कबीर की रचनाएं गुरू ग्रंथ साहिब में मिलती है।
  • कबीर का पालन पोषण नीरू नाम के जुलाहे ने किया था।

सूरदास –

जन्म- 1478/1483, रूनकता, आगरा
मृत्यु- 1563/1583, पारसौली

पिता- रामदास गुरू- वल्लाभाचार्य

भाषा- ब्रज, हिन्दी उपाधि- महाकवि

उपनाम- अष्टछाप/पुष्टिमार्ग का जहाज, खंजन नयन, आवाधिपति, वात्सल्य रस के सम्राट, ब्रजभाषा के वाल्मिकी।

रचनाएं- सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य-लहरी, ऊधौं तुम हो अति बड़भागी, भ्रमरगीत, नल-दमयन्ती, ब्याहलो, दशमस्कंध टीका, नागलीला, भागवत, गोवर्धन लीला, सूरपचीसी, प्राणप्यारी

मुख्य तथ्य-

  • सूरदास कृष्ण भक्ति काव्य के प्रतिनिधि और वात्सल्य रस के कवि थे।
  • आइने अकबरी और मुतखबुत-तवारीख के अनुसार अकबर के दरबार में थे।
  • कवि श्यामसुंदर दास ने कहा है, वे जन्मान्ध नही थे।
  • सूरसागर को रागसागर भी कहते है और भ्रमरगीत इसका अंश है।

नोट- अष्टछाप कृष्ण भक्ति के आठ कवि है जो निम्न है-

बल्लभाचार्य के शिष्य- सूरदास, कुंभनदास, परमानंद दास, कृष्ण दास
विटठलनाथ के शिष्य- छीत स्वामी, गोविंद स्वामी, चतुर्भुज दास, नंद दास


सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ –

जन्म- 21 फरवरी 1896, मेदनीपुर, बंगाल
मृत्यु- 15 अक्टूबर 1961, प्रयागराज

बचपन का नाम- सूर्य कुमार उपनाम- निराला, महाप्राण, क्रांतिवीर

रचनाएं-
कविता संग्रह- परिमल, अनामिका, गीतिका, कुकुरमुत्ता, अणिमा, बेला, नये पत्ते, अर्चना, अराधना, तुलसीदास(सबसे बड़ी कविता), सरोज स्मृति, बादलराग(6 खण्डो में), अट नही रही है, भिक्षुक, विध्वा, गीत गुंज, गीत गाने दो, रानी और कानी, महँगू महँगा रहा, राम की शक्ति पूजा, जन्मभूमि, ध्वनि।
उपन्यास- अप्सरा, अल्का, प्रभावती, निरूपमा, कुल्ली भाट, बिल्लेसुर बकरीहा, चोटी की पकड़, काले कारनामे, चमेली, इन्दुलेखा, उच्चश्रंखलता।
कहानी संग्रह- चतुरी चमार, शुक्ल की बीवी, सखी, लिली, देवी, पदमा, श्रीमती गजानंद देवी।
निबंध संग्रह- प्रबंध परिचय, प्रबंध पध, प्रबंध प्रतिमा, संग्रह, चाबुक, चयन।
आलोचना- रविन्द्र कविता कानन, पंत और पल्लव
अनुवाद- आनंद मठ, कपाल कुंडला, दुर्गेश नन्दिनी, राजयोग।

मुख्य तथ्य-

  • समन्वय(1922 में), मतवाला(1923-24), सुधा का संपादन किया।
  • ‘उत्साह’ इनके द्वारा लिखा गीत है
  • कविता जूही की कली छंदो से मुक्त है। इसलिए निराला को मुक्त ंछंद का प्रवर्तक मानते है।
  • सरोज स्मृति कविता इनकी दिवंगत पुत्री सरोज पर आधारित है।
  • दूधनाथ सिंह ने निराला को टैगोर की संज्ञा दी है।

हरिशंकर परसाई –

जन्म- 22 अगस्त 1922, जमानी गांव, होशंगाबाद, म0प्र0
मृत्यु- 10 अगस्त 1995, जबलपुर

पुरस्कार- 1982- साहित्य अकादमी- ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’, डी0लिट0 की उपाधि

रचनाएं-
निबंध- तब की बात और थी, भूत के पाव पीछे, बेईमानी की परत, पगडण्डियो का जमाना, शिकायत मुझे भी है, सदाचार का ताबीज, प्रेमचंद के फटे जूते, और अंत मे, माटी कहे कुम्हार से, काग भगोड़ा, आवारा भीड़ के खतरे, तुलसीदास चंदन घीसै, ऐसा भी सोचा जाता है, अपनी-अपनी बीमारी, हम एक उम्र से वाकिफ है।
कहानी- हंसते है रोते है, जैसे उनके दिन फिरे, टार्च बेचनेवाले, भोलाराम का जीव, दो नाकवाले लोग, टार्च बेचनेवाले, निठल्ले की डायरी, एक फरिश्ते की कथा।
उपन्यास- रानी नागफनी की कहानी, तट की खोज, ज्वाला और जल
व्यंग्य- वैष्णव की फिसलन, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर, बस की यात्रा, सुदामा का चावल, घायल बसंत, भेड़े और भेड़िये, पवित्रता का दौर, पुलिस-मंत्री का पुतला, बारात की वापसी, भगत की गत, अपील का जादू, दस दिन का अनशन, बदचलन, तिरछी रेखाएं(संस्मरण)

मुख्य तथ्य-

  • हिंदी के पहले रचनाकार जिन्होने ‘व्यंग्य’ को विद्या का दर्जा दिलाया।
  • ‘वसुधा’ पत्रिका का प्रकाशन किया।
  • इनकी पहली रचना- स्वर्ग से नरक जहां तक है- 1948 में प्रहरी में प्रकाशित
  • कहानी- टार्च बेचनेवाले- विषय- आस्थाओ के बाजारीकरण व धार्मिक पाखंड

राजेश जोशी –

जन्म- 18 जुलाई 1946, नरसिंहगढ़, म0प्र0

पुरस्कार- 2002- साहित्य अकादमी- ‘दो पंक्तियों के बीच’ के लिए, पहल सम्मान

रचनायें-
कविता संग्रह- एक दिन बोलेंगे पेड़, मिट्टी का चेहरा, नेपथ्य में हँसी, दो पंक्तियों के बीच
कविताएं- मारे जाएंगे, वली दकनी, पांव की नस, बच्चे काम पर जा रहे है, शासक होने की इच्छा, पृथ्वी का चक्कर, निराशा, भूलने की भाषा, एक कवि कहता है, दाग, माँ कहती है, पेड़ क्या करता है, वृक्षों का प्रार्थना गीत, प्रौधोगिकी की माया, हर जगह आकाश, चांद की आदते, सहयात्रियों के साथ, कलकत्ता-300 साल, पक्की दोस्तियों का आईना, अनुपस्थित-उपस्थित, चिड़िया, समरगाथा।
बाल कविताएं- पानी बरसा, गेंद निराली मिठठू की
कहानी संग्रह- कपिल का पेड़, सोमवार और अन्य कहानियां
नाटक- जादू जंगल, अच्छे आदमी, टंकारा का गाना, तुक्के पर तुक्का, कहन कबीर
अनुवाद- मायकोवस्की की कविता का अनुवाद- ‘पतलून पहिना बादल’ नाम से
भतृहरि की कविता का अनुवाद- ‘कल्पतरू यह भी’ नाम से

मुख्य तथ्य-

  • इनकी रचनाओ का अनुवाद ऊर्दू, रूसी, अंग्रेजी और जर्मन भाषा में हुआ है।
  • ‘समरगाथा’ कविता इनकी सबसे लम्बी कविता है।

शेखर जोशी –

जन्म- 10 सितम्बर 1932, ओलियां गांव, अल्मोड़ा

पुरस्कार- 1995- साहित्य भूषण, 1997- पहल सम्मान, 1987- महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार

रचनायें-
उपन्यास- अथ मूषक उवाच, चींटे के पर, मेरा पहाड़
कहानी संग्रह- दाज्यू, नौरंगी बीमार है, प्रतिनिधि कहानियां, कोसी का घटवार, साथ के लोग, हलवाहा, बदबू, मेंटल, बच्चे का सपना, समर्पण, निर्णायक, गलता लोहा, डांगरी वेले, बिरादरी, गाइड, नेकलेस, प्रथम साक्षात्कार, विडुवा, किस्सागो
शब्दचित्र संग्रह- एक पेड़ की याद
अन्य रचनाये- डांगरी वेले, ना रोको उन्हे सुबह

मुख्य तथ्य-

  • कहानी ‘दाज्यू’ पर चिल्ड्रंस फिल्म सोसाइटी ने बाल फिल्म बनाई है- दाज्यू का अर्थ बड़ा भाई है।
  • ‘गलता लोहा’ कहानी का विषय- जातिगत विभाजन पर टिप्पणी
  • ‘गलता लोहा’ कहानी के पात्र- मोहन, बंशीधर, धनराम लोहार
  • इन्होने सैनिक औद्योगिक प्रतिष्ठान में कार्य किया है।
  • इनकी रचनाओ का अनुवाद अंग्रेजी, चेक, रूसी, पोलिश, जापानी भाषा में हुआ है।

शैलेश मटियानी –

जन्म- 14 अक्टूबर, बाड़ेछिना, अल्मोड़ा
मृत्यु- 24 अप्रैल 2001, दिल्ली

वास्तविक नाम- ‘रमेश सिंह मटियानी’

पुरस्कार-
1984- फणीश्वर रेणु पुरसकार- ‘मुठभेड़’ के लिए
1992- डी0लिट0 की उपाधि- कुमांऊ वि0वि0 द्वारा

रचनाएं-
कहानी संग्रह– दो दुखों का एक सुख, दूसरो के लिए, सफर पर जाने के पहले, हारा हुआ, पाप मुक्ति, प्रेत मुक्ति, हत्यारे, बर्फ की चटटाने, जंगल मे मंगल, महाभोज, चील, प्यास और पत्थर, नाच जमूरे नाच, भेड़े और गडेरिए, डब्बू मलंग, रहमतुल्ला, पोस्टमैन, अद्र्धांगिनी, जुलूस, मैमूद, ऋण, रूका हुआ रास्ता, एक शब्दहीन नदी, मिसेज ग्रीनवुड, मेरी तैतीस कहानियाँ, मेरी प्रिय कहानियां, सुहागिनी तथा अन्य कहानियां, अतीत तथा अन्य कहानियां, माता तथा अन्य कहानियां, भविष्य तथ अन्य कहानियां, अहिंसा तथा अन्य कहानियां।
उपन्यास- बोरीवली से बेरीबन्दर, छोटे-छोटे पक्षी, कबूतरखाना, हौलदार, चिटठरीसैन, तिरिया भली न काठ की, किस्सा नर्मदाबेन गंगू बाई, चैथी मुटठी, बारूद और बाचुली, मुख सरोवर के हंस, एक मूठ सरसो, बेला हुई अबेर, कोई अजनबी नही, दो बूँद जल, भागे हुए लोग, पुनर्जन्म के बाद, जलतरंग, बर्फ गिर चुकने के बाद, उगते सूरज कि किरण, रामकली, सर्पगन्धा, आकाश किन्ता अनंत है, उत्तरकाण्ड, डेरेवाले, सवित्तरी, गोपुली गफूरन, बावन नदियो का संगम, अर्द्ध कुम्भ की यात्रा, मुठभेड़, नागवल्लरी, माया सरोवर, चंद औरतों का शहर, शक्ति ही जीवन है, दोराहा।
बाल उपन्यास- माँ तुम आओ, हाथी और चींटी की लड़ाई, भरत मिलाप, बिल्ली के बच्चे, मुड़-मुड़ कर मत देख, सुबह के सूरज, फूलो की नगरी।
निबंध और संस्मरण- मुख्य धारा का सवाल, कागज की नाव, राष्ट्रभाषा का सवाल, यदा कदा, लेखक की हैसियत से, किसके राम कैसे राम, जनता और साहित्य, यथा प्रसंग कभी कभार, राष्ट्रीयता की चुनौतियां, किसे पता है राष्ट्रीय शर्म का मतलब।

मुख्य तथ्य-

  • इन्होने ‘विकल्प और जनपक्ष’ नामक दो पत्रिका का संपादन किया है।

गजानन माधव मुक्तिबोध –

जन्म- 13 नवम्बर 1917, श्यौपुर, ग्वालियर, म0प्र0
मृत्यु- 11 सितम्बर 1964, दिल्ली

रचनाएं-
कविताएं- चांद का मुँह टेढ़ा है, सहर्ष स्वीकारा है, भूरी-भूरी खाक धूल, एक अंतः कथा, एक भूतपूर्व विद्राही का आत्म-कथन, एक स्वप्न कथा, ब्रहमराक्षस, भूल गलती, मै उनका ही होता, जब प्रश्न चिहन बोखला उठे, दिमागी गुहांधकार का औरांग उटांग, नाश देवता, पूंजीवादी समाज के प्रति, बेचैन चील, मुझे पुकारती हुई पुकार, मेरा असंग बबूलपन, मै तुल लोगो से दूर हूं, मृत्यु और कवि, लकड़ी का रावण, विचार आते है, मेरे लोग, शून्य।
आलोचना- नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, समीक्षा की समस्याएं, कामायनी: एक पुनर्विचार एक, साहित्यिक डायरी(‘नए की जन्म कुंडलीःएक’ इसका अंश), नई कविता का आत्मसंघर्ष।
कहानी- अंधेरे में, क्लाॅउ ईथरली, जंक्शन, पक्षी और दीमक, प्रश्न, ब्रहम्राक्षस का शिष्य, लेखन, सौन्दर्य के उपासक।
कथा साहित्य- काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी।
अप्रकाशित कविता- जब दुपहरी जिंदगी पर
निबंध- कला का तीसरा बाण, शमशेर मेरी दृष्टि में, कलाकार की व्यक्तिगत ईमानदारी, सौंदर्य प्रतीति की प्रक्रिया, मध्ययुगीन भक्ति आंदोलन का एक पहलू।
अन्य रचना- भारत : इतिहास और संस्कृति

मुख्य तथ्य-

  • इन्हे प्रगतिशील कविता(1936-43) और नयी कविता(1951) के बीच का एक सेतु माना जाता है।
  • यह मूलतः एक कवि थे।
  • इन्होने उज्जैन में ‘मध्य भारत प्रगतिशील लेखक संघ’ की नींव डाली।
  • ये ऐसे लेखक है जिनके कविताओ/किताबो का प्रकाशन इनकी मृत्यु के बाद हुआ।
  • उनके जीवित रहते उनकी सिर्फ एक किताब छपी- ‘एक साहित्यिक डायरी’।
  • इन्होने ‘नया खून’ साप्ताहिक का संपादन किया।

हजारी प्रसाद द्विवेदी –

जन्म- 19 अगस्त 1907, गांव ‘आरत दुबे का छपरा’, बलिया, उ0प्र0
मृत्यु- 19 मई 1979

कर्मक्षेत्र- निबन्धकार, उपन्यासकार, अध्यापक, सम्पादक काल- आधुनिक कालीन

कर्मभूमि- वाराणसी

पुरस्कार-
1957- पदम भूषण
1973- साहित्य अकादमी- ‘आलोक पर्व’ निबंध के लिए
1949- डि0लिट0 उपाधि- लखनऊ वि0वि0
रचनाएं-
आलोचना/साहित्येतिहास- कबीर, नाथ सम्प्रदाय, कालीदास की लालित्य मीमांसा, मध्यकालीन बौद्ध का स्वरूप, हिन्दी साहित्य की भूमिका, सूर-साहित्य, हिन्दी साहित्य का आदिकाल, हिन्दी साहित्य उदभव और विकास, आधुनिक हिन्दी साहित्य पर विचार, साहित्य संचार, साहित्य का मर्म, लालित्य मीमांसा, मध्यकालीन धर्म साधना, प्राचीन भारत में कलात्मक विनोद, मेघदूत- एक पुरानी कहानी, साहित्य सहचर।
उपन्यास- बाणभटट की आत्मकथा, चारू चंद्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पौथा।
निबंध- क्या निराश हुआ जाए, एक कुत्ता और एक मैना, अशोक के फूल, कुटज, नाखून क्यो बढ़ते है, विचार प्रवाह, कल्पलता, विचार और वितर्क, आलोक पर्व, शिरीष के फूल।
कहानियां- आम फिर बौरा गए, महात्मा के महा परायण के बाद, ठाकुर जी की बटूर, केतु दर्शन, समालोचक की डाक, साहित्य का नया कदम।
ग्रंथ संपादन- संदेश रासक, संक्षिप्त पृथ्वीराजरासो, नाथ सिद्धो की बानियाँ।
अनुवाद- पुरातन प्रबंध संग्रह, प्रबन्ध चिन्तामणि, लाल कनेर, विश्व परिचय।
अन्य- तत्व मीमांसा, मृत्युंजय रविन्द्र, प्लेटो गणराज्य, स्वतंत्रता संघर्ष का इतिहास, पुनच्छ, सहज साधना, ब्रहमसूत्र भाषा, कुंभारामायण, कृतिवासारामायन।

मुख्य तथ्य-

  • इनके बचपन का नाम बैजनाथ द्विवेदी था।
  • इन्होने आदिकाल को ‘आदिकाल’ की संज्ञा दी।
  • 1952-53 में काशी नागरी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष थे।
  • 1955 में प्रथम राजभाषा आयोग के सदस्य बने थे।
  • अभिनव भारती ग्रंथमाला, विश्व भारती (शांति निकेतन) पत्रिका का संपादन किया।
  • हिंदी भवन के संचालक रहे।
  • कबीर को ‘वाणी का डिक्टेटर’ कहा।

प्रेमचंद –

जन्म- 31 जुलाई 1880, लमही गांव, वाराणसी
मृत्यु- 8 अक्टूबर 1936, वाराणसी

अन्य नाम- धनपत राय(वास्तविक नाम), नवाब राय(इस नाम से उर्दू में लेखन शुरू किया)

उपनाम- उपन्यास/कहानी/कथा सम्राट, कलम का मजदूर, भारत का मैक्सिम गोर्की

रचनाएं-
उपन्यास- प्रेमा(पहला उपन्यास), कायाकल्प(हिन्दी का पहला), सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, सूरदास का झोपड़ी(रंगभूमि का अंश), निर्मला, गोदान(1936), गबन(1937), कर्मभूमि, वरदान, प्रतिज्ञा, मंगलसूत्र(अपूर्ण)।
नाटक- संग्राम, कर्बला, प्रेम की वेदी
कहानी संग्रह- मानसरोवर(8 भाग), गुप्तधन (2 भाग), सोजे वतन, सप्त सरोज, नवनिधि, प्रेम प्रतिज्ञा, प्रेम पचीसी, प्रेम प्रतिमा, प्रेम द्वादशी, समर यात्रा।
कहानी- पंच परमेश्वर(पहली कहानी), बड़े घर की बेटी, दो बैलो की कथा, नमक का दरोगा, पूस की रात, कफन, बड़े भाई साहब, सौत, सज्जनता का दंड, उपदेश, परीक्षा, गुल्ली डंडा, ठाकुर का कुआँ, बूढ़ी काकी, विध्वंस, दूध का दाम, मंत्र, दुनिया का सबसे अनमोल रत्न, कजाकी, अलग्योझा, शतरंज के खिलाड़ी, तावान, बेटो वाली विधवा, ईश्वरीय न्याय, रानी सारंधा, आत्माराम।
साहित्यिक निबंध- कुछ विचार, विविध प्रसंग।
बाल कहानी- नादान दोस्त, रामचर्चा, दुर्गादास, मिटठू, सैलानी बंदर।
अनुवाद- गाल्सवर्दी के तीन नाटको का- हड़ताल, चांद की डिबिया, न्याय नाम से, फसान-ए-आजाद का ‘आजाद कथा’ नाम से।

मुख्य तथ्य-

  • माधुरी, हंस(1930-36), जागरण, मर्यादा पत्र का संपादन किया।
  • प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेंस) की स्थापना 9 अप्रैल 1936 में की तथा प्रथम अधिवेशन लखनऊ में हुआ।
  • ‘सोजे वतन’ उर्दू में प्रकाशित पहला कहानी संग्रह है।
  • ‘प्रेमा’ उपन्यास हमखुर्मा व हमनवाब का रूपान्तरण है।
  • ‘रंगभूमि’ उपन्यास के अंश ‘सूरदास की झोपडी’ के पात्र- भैरो, सुभागी, जगधर, बजरंगी, मिठुआ।
  • ‘गोदान’(1936)- विषय- कृषको पर आधारित महाकाव्य
  • ‘दो बैलो की कथा’ के पात्र- झूरी, हीरा, मोती।
  • ‘दो बैलो की कथा’ के विषय- कृषक समाज व पशुओ का भावनात्मक संबंध व आजादी के आंदोलन की भावना।
  • ‘नमक का दरोगा’ कहानी का प्रकाशन-1914 में हुआ।
  • ‘नमक का दरोगा’ के पात्र- पंडित अलोपीदीन, मुंशी वंशीधर।
  • ‘नमक का दरोगा’ का विषय- धन के ऊपर धर्म की जीत/भ्रष्टाचार पर
  • ‘ईदगाह’ के पात्र- हामिद, अमीना।
  • ‘नादान दोस्त’ बाल कहानी के पात्र- केशव, श्यामा।
  • बेटे अमृत राय ने ‘कलम का सिपाही’ नाम से व पत्नी शिवरानी ने ‘प्रेमचंद घर’ में नाम से इनकी जीवनी लिखी है।

सुमित्रानंदन पंत –

जन्म- 20 मई 1900, कौसानी, बागेश्वर
मृत्यु- 28 दिसंबर 1977, प्रयागराज

उपनाम- गुसाई दत्त, गुसै, सैं, प्रकृति के सुकुमार/चितेरे कवि, साईदा, लक्ष्मण, मुकुल, नन्दिनी, एक निहत्था, सुधाकर प्रिय, रावणार्यनुज, मोती, नंदनजी, नयन, शब्द शिल्पी,

पुरस्कार-
1960- साहित्य अकादमी- ‘कला और बूढ़ा चांद’ के लिए
1961- पदम भूषण
1968- ज्ञानपीठ- ‘चिदम्बरा’ के लिए- हिन्दी के लिए पाने वाले पहले व्यक्ति
सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार- ‘लोकायतन’ के लिए

रचनाएं-
कविताएं- गिरजे का घण्टा (इनकी प्रथम कविता-1916), वीणा, ग्रंथि, पल्लव, गुंजन, युगांत, युगवाणी, ग्राम्या, ग्राम श्री, संध्या के बाद, स्वर्ण किरण, उत्तरा, चिदंबरा, कला और बूढ़ा और चांद, लोकायतन (महाकाव्य और अंतिम रचना), मै छोटी होऊँ, ताज, वे आंखे, परिवर्तन, स्वर्णधूलि, युगपथ, गीतहंस, खादी के फूल, मुधुज्वाल, स्वच्छंद, उच्छवास, युगांतर, मुक्ति यज्ञ, तारापथ, मानसी, सौवर्ण, पतझड़, अवगुठित, मेघनाद वध।
उपन्यास- हार
आलोचना- गद्यपथ, शिल्प और दर्शन, छायावादः पुनर्मूल्यांकन
कहानियां- पांच कहानियां, पानवाला
नाटक- रजतशिखर, शिल्पी, ज्योत्सना, अतिमा, सत्यकाम, युगपुरूष।
आत्मकथा- साठ वर्ष: एक रेखांकन
कुमाउनी कविताएं- बुरूंश, सार जंगल में त्विजा।

मुख्य तथ्य-

  • इनको नारी मुक्ति का प्रबल समर्थक कवि भी कहा जाता है।
  • ‘वे आंखे’ रचना- विषय- किसानो पर आधारित
  • ‘पल्लव’ को छायावाद का मेनिफेस्टो/घोषणा पत्र और प्रकृति की चित्रशाला भी कहते है।
  • इनकी प्रथम छायावादी रचना- उच्छवास
  • अंतिम छायावादी रचना- गुंजन
  • ‘युगवाणी’ रचना- गांधी और माक्र्स से प्रभावित
  • इनका महाकाव्य ‘लोकायतन’ महात्मा गांधी पर लिखा हुआ है।
  • इन्होने प्ण्प्ण्ज् रूड़की का कुलगीत लिखा है- ‘जयती जयती विद्या संस्थान’।
  • इनको हिन्दी साहित्य का ‘विलियम वर्डसवर्थ’ भी कहा जाता है।
  • इन्ही के कहने पर ‘आॅल इंडिया रेडियो’ का नाम ‘आकाशवाणी’ करा गया।
  • भारतीय प्रसारण सेवा- 23 जुलाई 1927- आॅल इंडिया रेडियो नाम- 1936- आकाशवाणी नाम- 1957\
  • 1938- ‘रूपाभ’ नामक मासिक पत्रिका का संपादन किया।
  • ये छायावाद के चार स्तंभो में से एक है।
  • इन्हे छायावाद का विष्णु और प्रवर्तक भी कहा जाता है।

जयशंकर प्रसाद –

जन्म- 30 जनवरी 1889, वाराणसी, उ0प्र0
मृत्यु- 15 नवम्बर 1937

उपनाम- झारखण्डी, कलाधर, आधुनिक कविता के सुमेरू, नाटक सम्राट

रचनाएं-
नाटक- चन्द्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, स्कन्दगुप्त, अजातशत्रु, जनमेजय का नागयज्ञ, एक घूँट(प्रथम एकांकी है), विशाख, राज्यश्री, कामना, हिमाद्री तुंग शृंग से, अरुण यह मधुमय देश हमारा, करुणालय, सज्जन, कल्याणी परिणय, प्रायश्चित।
कहानी- आकाशदीप, आंधी, इन्द्रजाल, प्रतिध्वनी, छाया, ग्राम, सुनहरा सांप, सालवती, मधुवा, गुंडा, पुरस्कार, चूड़ी वाली नीरा, देवरथ, गोरा गाय, अघोड़ी का मोह, अनबोला, अपराधी, अमिट स्मृति, अशोक, उस पार का योगी, करुणा की विजय, कला, कलावती की शिक्षा, खंडहर की लिपि, गुदड़ी मे लाल, अयोध्या का उद्धार, शोकोच्छवास, वनमिलन, बभ्रूवाहन, गुलाम, गुदड़ साई, घीसू, चक्रवती का स्तम्भ, चंदा, जहाँआरा, छोटा जादूगर, तानसेन, पत्थर की पुकार, पाप की पराजय, सलीम, सिकंदर की शपथ, हिमालय का पथिक।
उपन्यास- कंकाल, तितली, इरावती(अपूर्ण)
काव्य- कानन-कुसुम, चित्राधार, {(झरना, आंसू, लहर, कामायनी, आत्मकथ्य)= छायावादी कविता}, महाराणा का महत्व, प्रेम पथिक, उर्वशी(प्रथम काव्य), प्रेमराज्य।

मुख्य तथ्य-

  • शैशव में जयशंकर प्रसाद को ‘झारखण्डी’ कहकर पुकारा जाता था।
  • छायावाद के 4 स्तंभ में से एक है।
  • 9 वर्ष की आयु में इन्होने ‘कलाधर’ उपनाम से ब्रजभाषा में एक ‘सवैया’ लिखी।
  • ‘चित्राधार’ इनका प्रथम काव्य संग्रह है। ‘कानन-कुसुम’ खड़ी बोली का प्रथम काव्य संग्रह है।
  • ‘कामायनी(15 खण्डो में)’ महाकाव्य अक्षय कीर्ति का स्तम्भ है। भाषा, शैली, और विषय तीनो की दृष्टि से यह विश्व का अद्वितीय ग्रन्थ है।
  • ‘कामायनी’ को सुमित्रानन्दन पंत ने हिन्दी साहित्य का ताजमहल कहा है।
  • ‘इन्दु’ पत्रिका का संपादन भी किया है।
  • छायावाद की प्रथम रचना- खोलो द्वार/झरना

राहुल सांकृत्यायन –

जन्म- 9 अप्रैल 1893, पन्दहा ग्राम, आजमगढ़, उ0प्र0
मुत्यु- 14 अप्रैल 1963, दार्जिलिंग, प0बंगाल

मूल नाम- केदारनाथ पाण्डे अन्य नाम- दामोदर स्वामी

उपनाम- महा पंडित, हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक/पितामह

पुरस्कार-
1958- साहित्य अकादमी- ‘मध्य एशिया का इतिहास’ के लिए
1963- पदम भूषण

रचनाएं-
कहानियां- सतमी के बच्चे, वोल्गा से गंगा, बहुरंगी मधुपरी, कनैला की कथा।
संस्मरण- असहयोग के मेरे साथी, जिनका मै कृतज्ञ, बचपन की स्मृतियाँ।
उपन्यास- बाईसवी सदी, जीने के लिए, भागो नही दुनिया को बदलो, मधुर स्वपन, सिंह सेनापति, जय यौधेय, शैतान की आंखे, किन्नरो के देश में।
जीवनियां- अतीत से वर्तमान, सरदार पृथ्वीसिंह, घुमक्कड़ स्वामी, महामानव बुद्ध, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, नए भारत के नए नेता, स्टालिन, कार्ल माक्र्स, लेनिन।
यात्रा साहित्य- किन्नर देश की ओर, लंका, जापान, ईरान, चीन में क्या देखा, मेरी लद्दाख यात्रा, मेरी तिब्बत यात्रा, तिब्बत में सवा वर्ष, रूस में पच्चीस माह, यात्रा के पन्ने।
अन्य- मध्य एशिया का इतिहास, हिमालय परिचय-1 गढ़वाल कुमाऊ, मज्झिम निकाय, दिघ निकाय, संयुक्त निकाय, ऋगवैदिक आर्य, तुम्हारी क्षय, एशिया के दुर्गम खंडो में, घुमक्कड़ शास्त्र।
आत्मकथा- मेरी जीवन यात्रा।

मुख्य तथ्य-

  • इन्होने साहित्य के ‘आदि काल’ को ‘सिद्ध सामंत’ काल कहा है।
  • 1930 में लंका में बौद्ध धर्म अपनाने पर नाम ‘राहुल’ पड़ा।
  • स्वतन्त्रता आंदोलन सत्याग्रह में भाग लिया और जेल की सजा मिली।
  • बक्सर जेल में 6 माह तक बंद रहे।
  • कौंसिल का चुनाव भी लड़ा।
  • हजारी बाग जेल में रहे।
  • 1936 में किसान संघर्ष में भाग लिया।
  • किसान मजदूर आंदोलन में 1938-44 तक भाग लिया।\
  • सत्याग्रह में भूख हड़ताल की।
  • 1942 में ‘हुंकार’ पत्रिका का संपादन किया।
  • ‘हुंकार’ पत्रिका का प्रकाशन मूल रूप से ‘स्वामी सहजानन्द सरस्वती’ ने किया था।

माखनलाल चतुर्वेदी –

जन्म- 4 अप्रैल 1889, बावई, होशंगाबाद, म0प्र0
मृत्यु- 30 जनवरी 1968

उपनाम- पंडित जी, एक भारतीय आत्मा काल- छायावाद

पुरस्कार-
1943- देव पुरस्कार- ‘हिम किरीटिनी’ के लिए
1955- साहित्य अकादमी- ‘हिम तरंगिनी’- हिन्दी का पाने वाले पहले व्यक्ति
1959- डि0लिट0- ‘पुष्प की अभिलाषा’ और ‘अमर राष्ट्र’ रचना के लिए
1963- पदम भूषण- 1967 में लौटा दिया राजभाषा संशोधन विधेयक के विरोध में

रचनाएं-

काव्य- हिम किरीटिनी, हिम तरंगिणी, माता, बीजुरी काजल आज रही, दीप से दीप जले, कैसा छन्द बना देती है, पुष्प की अभिलाषा, नीति-निवेदन, कैदी और कोकिला, उपालम्भ, अंजलि के फूल गिर जाते है, तान की मरोर, बलि-पन्थी से, बसंत मनमाना, प्यारे भारत देश, झूला झूलै री, क्या आकाश उतर आया है, जागना अपराध, नयीं-नयीं कोपलें, गंगा की विदाई, वर्षा ने आज विदाई ली, ये वृक्षो में उगे परिन्दे, यह अमर निशानी किसकी है, उठ महान, लडडू ले लो, संध्या के बस दो बोल सुहाने लगते है, जाड़े की सांझ, मुझे रोने दो, तुम मन्द चलो, आज नयन के बंगले में, कुंज कुटीरे यमुना तीरे, दूबों के दरबार में, उषा के संगःपहिन अरूणिमा, फुंकरण करःरे समय के सांप, समय के समर्थ अश्व, मधुर! बादलः और बादलः और बादल, किरनो की शाला बन्द हो गई छुप-छुप, इस तरह ढक्कन लगाया रात ने।
कहानी- युग चरण, समर्पण, धूम्र वलय, वेणु लो गूंजे धरा, अमीर इरादेःगरीब इरादे नाटक- कृष्णार्जुन युद्ध निबंध- साहित्य देवता, अमीर देवता, गरीब देवता संस्मरण- समय के पांव

मुख्य तथ्य-

  • 1943- अखिल भारतीय हिन्दी सम्मेलन के अध्यक्ष रहे।
  • 1920- असहयोग आंदोलन में भाग लिया व सबसे पहली गिरफ्तारी दी।
  • 1930- सविनय अवज्ञा आंदोलन मे भी पहली गिरफ्तारी दी।
  • प्रभा(1913 में), कर्मवीर(1919 में), प्रताप(1924 में) पत्रिका का संपादन किया।

मनोहर श्याम जोशी –

जन्म- 9 अगस्त 1933, अजमेर, राजस्थान
मृत्यु- 30 मार्च 2006, दिल्ली

उपनाम- भारतीय टीवी धारावाहिक के पिता

कार्यक्षेत्र- साहित्यकार, उपन्यासकार, पत्रकार, धारावाहिक लेखक, संपादक, प्रवक्ता, फिल्म पट-कथा लेखक।

पुरस्कार-
2005- साहित्य अकादमी- ‘क्याप’ के लिए, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान

रचनाएं-

धारावाहिक- हमलोग, बुनियाद, कक्का जी कहिन, मुंगेरी लाल के हसीन सपने, हमराही, जमीन आसमान, गाथा।
उपन्यास- क्याप, कसप, नेताजी कहिन(व्यंग्य रचना), कुरु-कुरु स्वाहा(पहला उपन्यास), क्या हाल है चीन के, उस देश का यारो क्या कहना, टा टा प्रोफेसर, हमजाद, कौन हूं मैं, कपीश जी, वधस्थल, उत्तराधिकारिणी, हरिया हरक्यूलीज की हैरानी।
फिल्मे- हे राम, पापा कहते है, अप्पू राजा, भ्रष्टाचार, रात।
कहानी- प्रभु तुम कैसे किस्सागो, मंदिर घाट की पौड़िया, सिल्वर वैडिंग(मुख्य पात्र- यशोधर बाबू)
अन्य- बातों बातों में, एक दुर्लभ व्यक्तित्व, पश्चिमी जर्मनी पर उड़ती नजर, बात ये है कि, पथ की खोज, रोड़े और पत्थर, अजय की डायरी, वे और आप।

मुख्य बाते-

  • ‘पटकथा लेखन’ नामक पुस्तक की रचना की है।
  • ‘दिनमान’, ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ और ‘वीकेंड रिव्यू’ का संपादन किया है।
  • ‘हमलोग’- 7 जुलाई 1984- भारत का प्रथम प्रायोजित सिरियल।

कामायनी, आंसू, झरना, लहर, चन्द्रगुप्त, स्कंदगुप्त, अजातशत्रु, तितली, कानन-कुसुम, प्रेम पथिक आदि।

महादेवी वर्मा, मन्नू भण्डारी, पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, मंगलेश डबराल, गौरा पंत ‘शिवानी’, मीरा, गोस्वामी तुलसीदास, रसखान, कबीर, सूरदास, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, हरिशंकर परसाई, राजेश जोशी, शेखर जोशी, शैलेश मटियानी, गजानन माधव मुक्तिबोध, हजारी प्रसाद द्विवेदी, प्रेमचंद, सुमित्रानंदन पंत, जयशंकर प्रसाद, राहुल सांकृत्यायन, माखनलाल चतुर्वेदी, मनोहर श्याम जोशी।

महादेवी वर्मा, मन्नू भण्डारी, पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, मंगलेश डबराल, गौरा पंत ‘शिवानी’, मीरा, गोस्वामी तुलसीदास, रसखान, कबीर, सूरदास, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, हरिशंकर परसाई, राजेश जोशी, शेखर जोशी, शैलेश मटियानी, गजानन माधव मुक्तिबोध, हजारी प्रसाद द्विवेदी, प्रेमचंद, सुमित्रानंदन पंत, जयशंकर प्रसाद, राहुल सांकृत्यायन, माखनलाल चतुर्वेदी, मनोहर श्याम जोशी।

हिन्दी के प्रथम कवि सिद्ध सरहपा थे

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