Hindi Grammar / Hindi Vyakaran / हिन्दी व्याकरण
Hindi Grammar /Hindi Vyakaran /हिन्दी व्याकरण से संबन्धित समस्त अध्यायों का संक्षिप्त विवरण और परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न जो अकसर परीक्षाओं मे पूछे जाते हैं।
आज कल सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में हिन्दी के प्रश्न-पत्र में रस,छन्द, अलंकार, और साहित्यगत प्रश्न भी पुछे गए है, इसलिए हम आपके लिए हिन्दी भाषा, हिंदी व्याकरण संज्ञा, सर्वनाम, कारक, साहित्य, पत्र-पत्रिकाएँ, पुरस्कार-सम्मान, रस, छन्द, अलंकार, और महत्वपूर्ण जानकारी लाये हैं।
1. हिन्दी बोलियाँ, उपभाषाएँ और उनके क्षेत्र
हिन्दी की उपभाषाएँ व बोलियाँ इस प्रकार हैं :
- बोली : एक छोटे क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती
- उपभाषा : अगर किसी भाषा में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विस्तार हो जाता है तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
- भाषा : साहित्यकार जब उस उपभाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठत सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
2. विश्व हिन्दी सम्मेलन
विश्व हिन्दी सम्मेलन/World Hindi Conference का उद्देश्य – संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की भाषाओं में हिन्दी को स्थान दिलाना और हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना है।
3. वर्ण, उच्चारण और वर्तनी
जिन ध्वनियों के संयोग से शब्द निर्माण होता है, वे वर्ण कहलाते हैं। भाषा कि सार्थक इकाई वाक्य है। वाक्य से छोटी इकाई उपवाक्य, उपवाक्य से छोटी इकाई पदबन्ध, पदबन्ध से छोटी इकाई अक्षर और अक्षर से छोटी इकाई ध्वनि या वर्ण है।
4. सन्धि
दो वर्णों या ध्वनियों के सयोंग से होने वाले विकार को सन्धि/Sandhi (Joining)कहते हैं। सन्धि करते समय कभी-कभी एक अक्षर में, कभी-कभी दोनों अक्षरों में परिवर्तन होता है और कभी-कभी दोनों अक्षरों के स्थान पर एक तीसरा अक्षर बन जाता है। इस सन्धि पद्धति द्वारा भी शब्द की रचना होती है।
5. उपसर्ग और प्रत्यय
- उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है – किसी शब्द के समीप आकार नया शब्द बनाना।
- जो शब्दांश शब्दों से पहले जुड़कर उनके अर्थ में या तो विशिष्टता उत्पन्न कर देता है या उसके अर्थ को परिवर्तित कर देता है उसे उपसर्ग कहते हैं।
6. समास व समास के भेद
- Samas / समास ( Compound ) का शाब्दिक अर्थ है ‘संक्षेप’ । समास प्रक्रिया में शब्दों का संक्षिप्तीकरण किया जाता है।
- दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिल कर बन हुए नए सार्थक शब्द को समास / Samas ( Compound ) कहते हैं।
- समास / Samas ( Compound ) के नियमों से बना शब्द समस्त–पद या सामासिक शब्द कहलाता है।
- समस्त पद के सभी पदों को अलग-अलग किए जाने की प्रक्रिया समास–विग्रह कहलाती है; जैसे- ‘नील कमल’ का विग्रह ‘नीला है जो कमल’ तथा ‘चौराहा’ का विग्रह है- चार राहों का समूह ।
7. शब्द भेद (Kind of Words)
हिन्दी के शब्दों के वर्गीकरण (Shabd Bhed) के चार आधार हैं|
- उत्पत्ति/स्रोत/इतिहास (5)
- व्युत्पत्ति/रचना/बनावट (3)
- रूप/प्रयोग/व्याकरणिक विवेचन (2)
- अर्थ (4)
8. संज्ञा और उसके भेद
- संज्ञा (Sangya/Noun) को ‘नाम’ भी कहा जाता है। जिन विकारी शब्दों से किसी व्यक्ति, स्थान, प्राणी, गुण, काम, भाव आदि का बोध होता है, उन्हें ‘संज्ञा’ कहते हैं।
- दूसरे शब्दों में वस्तु (जिसका अस्तित्व होता है। या होने की कल्पना की जा सकती है उसे वस्तु कहते हैं) के नाम को संज्ञा कहते हैं।
9. लिंग (Gender)
- लिंग (Gender) शब्द संस्कृत भाषा का है, जिसका शाब्दिक अर्थ है-चिह्न। जिस चिह्न द्वारा यह जाना जाए कि अमुक शब्द पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का, उसे लिंग कहते है।
- दूसरे शब्दों में-संज्ञा के जिस रूप से पुरुषत्व या स्त्रीत्व का बोध हो उसे लिंग (Gender) कहते हैं। लिंग के द्वारा संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों की जाति का बोध होता है।
- हिन्दी में दो लिंग हैं-पुल्लिग (Masculine gender) और स्त्रीलिंग (Feminine gender)।
10. वचन (Number)
- वचन (Number) / Vachan का अभिप्राय संख्या से है। विकारी शब्दों के जिस रूप से उनकी संख्या (एक या अनेक) का बोध हो है, उसे वचन (Number) / Vachan कहते है।
- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से एकत्व या अनेकत्व का बोध होता है उसे वचन (Number) / Vachan कहते हैं।
11. Karak/कारक(Case) और उसके प्रकार
- संज्ञा या सर्वनाम का वाक्य के अन्य पदों (विशेषतः क्रिया) से जो संबंध होता है, उसे कारक (Karak / Case) कहते हैं।
- क्रिया के साथ जिसका सीधा सम्बन्ध हो, उसे कारक (Karak / Case) कहते हैं।
12. Sarvnaam/सर्वनाम (Pronoun) और उसके भेद
- संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम / Sarvnam (Pronoun) कहते हैं।
जैसे- मैं, तुम, हम, वे, आप आदि शब्द सर्वनाम हैं।
13. विशेषण/Visheshan (Adjective) और उसके भेद
- जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते हैं उन शब्दों को विशेषण/Visheshan (Adjective) कहते हैं।
- जो शब्द विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण/Visheshan (Adjective)कहा जाता है और जिसकी विशेषता बताई जाती है, उसे विशेष्य कहा जाता है। जैसे— मोटा लड़का हँस पड़ा।
14. क्रिया/Verb/Kriya और उसके भेद
- जिस शब्द से किसी कार्य का होना या करना समझा जाय, उसे क्रिया /Kriya (Verb)कहते हैं। जैसे-खाना, पीना, पढ़ना, सोना, रहना, जाना, लिखना, चलना, दौड़ना इत्यादि। हिन्दी में क्रिया के रूप ‘लिंग’, ‘वचन’ और ‘पुरुष’ के अनुसार बदलते हैं।
15. अव्यय/Avyay (Indeclinables) और उसके प्रकार
- ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार नहीं आता, अव्यय/Avyay कहलाते हैं।
- ये शब्द सदैव अपरिवर्तित, अविकारी एवं अव्यय/Avyay रहते हैं। इनका मूल रूप स्थिर रहता है, कभी बदलता नहीं ।
16. पर्यायवाची शब्द/Paryayvachi Shabd (Synonyms Words)
- पर्याय का अर्थ है-समान। अतः समान अर्थ व्यक्त करने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। इन्हें प्रतिशब्द या समानार्थक शब्द भी कहा जाता है। व्यवहार में पर्याय या पर्यायवाची शब्द ही अधिक प्रचलित हैं।
17. विलोम शब्द की परिभाषा और उनके प्रकार
- विलोम शब्द का अर्थ है-उल्टा या विपरीत। अतः किसी शब्द का उल्टा अर्थ व्यक्त करने वाला शब्द विलोमार्थक शब्द कहलाता है। उदाहरणार्थ दिन-रात यहाँ रात शब्द, दिन शब्द का ठीक उल्टा (विपरीत) अर्थ व्यक्त कर रहा है। अतः यह विलोम शब्द है।
18. Vakya Aur Uske Bhed (वाक्य और उसके भेद)
- वाक्य (Vakya) – सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह जिससे कोई सार्थक अर्थ प्रकट होता है, उसे वाक्य कहते हैं।
- वाक्य के अनिवार्य तत्व –
- वाक्य के छः अनिवार्य तत्व होते हैं।
- सार्थकता
- योग्यता
- आकांक्षा
- निकटता
- पदक्रम
- अन्वय
18. हिन्दी के साहित्यकार और उनकी रचनाएँ
- महादेवी वर्मा –
- जन्म- 26 मार्च 1907, फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु- 11 सितम्बर 1987, प्रयागराज - पुरस्कार –
1942-द्विवेदी पदक,
1943- भारत भारती पुरस्कार
Hindi Vyakaran / व्याकरण FAQ
दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को समास कहते हैं।
जिन विकारी शब्दों से किसी व्यक्ति, स्थान, प्राणी, गुण, काम, भाव, आदि का बोध होता है, उन्हे संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से एकत्व या अनेकत्व का बोध होता है उसे वचन कहते हैं।
वाक्य में जिस शब्द का सम्बन्ध क्रिया से होता है उसे कारक कहते है। इन्हे विभक्ति या परसर्ग (बाद में जुडने वाले) भी कहा जाता है।
संज्ञा के स्थान में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहा जाता है।
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाते है उन्हें विशेषण कहते हैं।
जिन शब्दों से किसी कार्य का होना या करना समझा जाए, उन्हे क्रिया कहते हैं।
ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक आदि के कारण कोई विकार नहीं आता, अव्यय/Avyay कहलाते हैं।