परिभाषा (Sarvanam In Hindi ) :
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संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम / Sarvnam (Pronoun) कहते हैं।
जैसे- मैं, तुम, हम, वे, आप आदि शब्द सर्वनाम हैं।
‘सर्वनाम’ शाब्दिक अर्थ है- सबका नाम । सर्वनाम शब्द ‘सर्व’ + ‘नाम’ से मिलकर बना है। ‘सर्व’ का अर्थ है–सब और ‘नाम’ का अर्थ है संज्ञा। ये शब्द किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयुक्त न होकर सबके द्वारा प्रयुक्त होते हैं तथा किसी एक का नाम न होकर सबका नाम होते हैं। इसमें पहली बात यह है कि सर्वनाम वे संज्ञा शब्द हैं जो सबके लिए प्रयुक्त होत है;
जैसे-‘मैं’ शब्द को हम अपने लिए प्रयुक्त कर सकते हैं, रमेश अपने लिए, सुरेश अपने लिए अर्थात् सभी लोग अपने-अपने लिए ‘मैं’ शब्द का प्रयोग कर सकते हैं। दूसरी बात यह है कि सर्वनाम पूर्वापर सम्बन्ध के साथ प्रयुक्त होता है। पूर्वापर शब्द पूर्व’ + अपर’ से मिलकर बना है, पर्व का अर्थ है-पहले और अपर का अर्थ है—बाद का।
अतः जब सर्वनाम शब्द का प्रयोग किया जाएगा तो पूर्वापर अर्थात् ‘पहले और बाद के सम्बन्ध का ध्यान रखा जाएगा।
उदाहरणार्थ-राम बाजार गया है, राम नौ बजे आएगा, राम भोजन करके कालेज चला जाएगा। यहाँ ‘राम’ शब्द बार-बार आया है, किसी भी शब्द का बार-बार आना अच्छा नहीं लगता। यदि यहाँ राम शब्द के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग कर दिया जाए तो वह अप्रिय नहीं लगेगा;
जैसे—राम बाजार गया है। वह नौ बजे आएगा और भोजन करके कालेज चला जाएगा। यहाँ पर वह शब्द का प्रयोग पूर्वापर सम्बन्ध से ही किया गया है। राम शब्द पूर्व आया है इसके बाद (अपर) ‘वह’ शब्द आया है। इस प्रकार संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति रोकना और उनके स्थान पर स्वयं कार्य करना सर्वनाम का उद्देश्य है। हिन्दी में सर्वनामों की संख्या ग्यारह है-मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कोई, कुछ, कौन, क्या।
सर्वनाम के प्रकार (Sarvanam Ke Bhed) और उदाहरण
व्यावहारिक आधार पर सर्वनाम के छः भेद बताए गए हैं –
- पुरुषवाचक सर्वनाम / Purushvachak Sarvanam
- निश्चयवाचक सर्वनाम / Nishchay Vachak Sarvanam
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम / Anishchay Vachak Sarvanam
- संबंधवाचक सर्वनाम / Sambandh Vachak Sarvanam
- प्रश्नवाचक सर्वनाम / Prashnavachak Sarvanam
- निजवाचक सर्वनाम / Nijvachak Sarvanam
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम / Purushvachak Sarvanam (Personal Pronoun) :
पुरुषवाचक सर्वनाम— वक्ता, श्रोता और अन्य (जिसके सम्बन्ध में बात हो) का , सर्वनाम, पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाता है। अर्थात
जो सर्वनाम बोलने वाले, सुनने वाले या किसी अन्य व्यक्ति के लिए आए, उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं
- उत्तम पुरुष
- मध्यम पुरुष
- अन्य पुरुष
उत्तम पुरुष- मैं, हम, मैंने, हमने, मेरा, हमारा, मुझे, मुझको ।
मध्यम पुरुष- तू, तुम, तुमने, तुझे, तूने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, आपने, आपको ।
अन्य पुरुष–वह, यह, वे, ये, इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको ।
(क) उत्तम पुरुष- वक्ता या लेखक जिन सर्वनामों का प्रयोग अपने लिए करता है उसे उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे—मैं पढ़ता हैं। इस वाक्य में वक्ता या लेखक ने अपने लिए ‘मैं’ सर्वनाम का प्रयोग किया है। अतः यह उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम है। इसी प्रकार हम दिल्ली जाएँगे। वाक्य में ‘हम’ उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम है।
(ख) मध्यम पुरुष- वक्ता या लेखक जिससे अपनी बात कहता है उसके लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम को मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं; जैसे-
- तू कहाँ गया था?
- तुम अपना कार्य नहीं करते हो।
- आप भोजन करें।
इन वाक्यों में तू, तुम और आप मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम हैं।
(ग) अन्य पुरुष- वक्ता या लेखक, श्रोता या पाठक से जिसके विषय में बात करता है उसके लिए प्रयुक्त होने वाला सर्वनाम अन्य पुरुषवाचक कहलाता है; जैसे –
- वे कौन हैं?
- वह दुष्ट है।
- यह कलम है।
- ये बन्दर हैं।
इन वाक्यों में वे, वह, यह, ये शब्द अन्यपुरुष वाचक सर्वनाम हैं।
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम / Nishchay Vachak Sarvanam (Demonstrative Pronoun) :
जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु व्यक्ति की ओर संकेत किया जाता है, अर्थात निकट या दूर के व्यक्तियों या वस्तुओं का निश्चयात्मक संकेत जिन शब्दों से व्यक्त होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे—यह, वह, ये, वे ।
- यह मेरी पुस्तक है।
- वह उनकी मेज है।
- ये मेरे हथियार हैं।
- वे तुम्हारे आदमी हैं।
- वह वहाँ खेल रहा है।
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम / Anishchay Vachak Sarvanam (Indefinite Pronoun):
जिन सर्वनामों से किसी वस्तु या व्यक्ति का निश्चित बोध नहीं होता उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कोई, कुछ।
- कोई आ गया तो क्या करोगे ?
- उसने कुछ नहीं लिया।
- कोई गा रहा है।
- कमरे में कुछ पड़ा है।
(4) संबंधवाचक सर्वनाम /Sambandh Vachak Sarvanam (RelativePronoun):
जिस सर्वनाम से किसी दूसरे सर्वनाम से संबंध स्थापित किया जाय, अर्थात जिन सर्वनामों द्वारा वाक्यों में आपसी सम्बन्ध प्रकट होता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- जो, सो।
- जो आया है, सो जायेगा यह ध्रुव सत्य है।
- जो करेगा सो भरेगा।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस।
इन वाक्यों में जो, सो, जिसकी, उसकी आदि सम्बन्ध को प्रकट करने वाले हैं अतः ये सभी सम्बन्धवाचक सर्वनाम हैं।
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम / Prashnavachak Sarvanam (Interrogative Pronoun) :
प्रश्न करने के लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम शब्दों को अर्थात जिन शब्दों में कोई प्रश्न किया जाए वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- कौन, क्या ?
- कौन आया था ?
- वह क्या कह रहा था ?
- दूध में क्या गिर पड़ा ?
- विद्यालय में कौन जा रहा है?
(6) निजवाचक सर्वनाम / Nijvachak Sarvanam (Reflexive Pronoun):
वक्ता या लेखक जहाँ अपने लिए ‘आप’ या ‘अपने आप’ शब्द का प्रयोग करता है वहाँ निजवाचक सर्वनाम होता है। निजवाचक सर्वनाम है—आप । यह अपने आप या ‘स्वयं’ के लिए प्रयुक्त सर्वनाम है। जैसे—यह कार्य मैं ‘आप’ ही कर लूंगा।
ध्यान रहे कि यहाँ प्रयुक्त ‘आप’ स्वयं के लिए प्रयुक्त है। जो कि पुरुषवाचक मध्यम पुरुष आदरणीय सर्वनाम ‘आप’ से अलग है।
कभी-कभी कुछ ‘शब्द-समूह’ भी सर्वनाम के रूप में प्रयुक्त होते हैं। जैसे—
- कुछ न कुछ,
- कोई न कोई,
- सब कुछ,
- हर कोई,
- कुछ भी,
- कुछ-कुछ आदि ।
सर्वनाम के प्रयोग सम्बन्धी अनुदेश
- स्त्रीलिंग और पुल्लिंग के आधार पर सर्वनाम में परिवर्तन नहीं होता। जैसे यह, वह, मैं, तुम आदि स्त्रीलिंग और पुल्लिग दोनों में समान रहते हैं-जैसे
- वह खाता है।
- वह खाती है।
- वचन और कारक के आधार पर सर्वनामों में रूपान्तर होता है; जैसे-मैं-हम, तू-तुम, मेरा-हमारा; आप-आपने, आपसे, आपको, आपके लिए इत्यादि।
- सर्वनाम जिस संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है उसी के अनुसार लिंग और वचन चलते हैं।
- उत्तम पुरुष सम्बन्ध कारक के चिह्न ‘का’, ‘की’, ‘के’ क्रमशः ‘रा’, ‘रे’ के रूप में बदल जाते हैं।
- ‘मैं’, ‘तू’, ‘यह’, ‘वह’ विभक्ति रहित सर्वनाम कर्ता कारक के बहुवचन में क्रमशः ‘हम’, ‘तुम’, ‘ये’, ‘वे’ के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
सर्वनाम (Sarvnam): एक नजर में
1. | पुरुषवाचक | (i) | उत्तम पुरुष–में, हम |
(ii) | मध्यम पुरुष–तू, तुम, आप | ||
(iii) | अन्य पुरुष–वह, वे, यह, ये | ||
2. | निश्चयवाचक | (i) | निकटवती–यह, ये |
(ii) | दूरवर्ती–वह, वे | ||
3. | अनिश्चयवाचक | (i) | प्राणि बोधक-कोई |
(ii) | वस्तु बोधक–कुछ | ||
4. | सम्वन्धवाचक | जो, सो | |
5. | प्रश्नवाचक | (i) | प्राणि बोधक–कौन |
(ii) | वस्तु बोधक–क्या | ||
6. | निजवाचक | आप |
सर्वनाम के विकारी रूप : विभिन्न कारकों में प्रयुक्त होने पर सर्वनाम शब्दों के रूप पैरिवर्तित हो जाते हैं। सर्वनाम का प्रयोग सम्बोधन में नहीं होता। इसके विकारी रूप हैं—मैने, मुझको, मुझसे, हमने, हमको, हमसे, मेरा, हमारा, उसने, उसको, तुमने, तुमको, आपने, आपको, तुझे, तुम्हारा, तुमसे, इसने, इसको, किसको आदि ।
सर्वनाम का पद परिचय (Parsing of Pronoun) : किसी वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम का पद परिचय देने के लिए पहले सर्वनाम का भेद, लिंग, वचन, कारक एवं अन्य पदों से उसका सम्बन्ध बताना पड़ता है। जैसे-
- मैं पुस्तक पढ़ता हूं।
मैं—सर्वनाम, पुरुषवाचक, उत्तम पुरुष, पुलिंग, एकवचन, कर्ता कारक, पढ़ना क्रिया का कर्ता।
- चाय में कुछ पड़ा है।
कुछ–सर्वनाम, अनिश्चयवाचक, पुलिंग, एकवचन, कर्मकारक, पड़ा क्रिया का कर्म ।
Sarvanam ke kitne bhed hote hain?
सर्वनाम के छः भेद होते हैं –
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निश्चयवाचक सर्वनाम
3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. संबंधवाचक सर्वनाम
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
6. निजवाचक सर्वनाम
sarvanam kise kehte hain?
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम / Sarvnam (Pronoun) कहते हैं।
जैसे- मैं, तुम, हम, वे, आप आदि शब्द सर्वनाम हैं।